खास खबर:स्वास्थ्य विभाग (एनएचएम) के निदेशक डा. वेदप्रकार बसंल, अतिरिक्त महानिदेशक की एस.बी. कम्बोज की अध्यक्षा में आज लघु सचिवालय नूह में हुई बैठक।

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(बिलाल अहमद)
ब्यूरो रिपोर्ट नूह मेवात।
खास खबर:स्वास्थ्य विभाग (एनएचएम) के निदेशक डा. वेदप्रकार बसंल, अतिरिक्त महानिदेशक की एस.बी. कम्बोज की अध्यक्षा में आज
लघु सचिवालय नूह में हुई बैठक।

स्वास्थ्य विभाग (एनएचएम) के निदेशक डा. वेदप्रकार बसंल, अतिरिक्त महानिदेशक की एस.बी. कम्बोज की अध्यक्षा में आज काफ्रैंस हॉल में डिप्थीरिया जैसी खतरनाक बिमारी को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की एक बैठक आयोजित की गई। उन्होंने बताया कि जिले में अब तक 17 गांवों में कुल 39 संभावित केस है। डा. बी.एस. कंबोज ने बैठक में उपस्थित सभी सरपंचों से आह्वान किया कि जो भी आपके गांव में कोई भी इस प्रकार का केस पाया जाता है तो उसे तुरंत अपने नजदीकि अस्पताल में ले जाकर उसका ईलाज कराए। इसके साथ ही बाल स्वास्थ्य विभाग की निदेशक ने स्वास्थ्य विभाग की टीम से कहा कि वे संभावित पाए गए गांव का दौरा करें और अपने साथ आशा वर्कर व ग्राम सचिव को साथ लेकर वहां का दौरा करें। उन्होंने कहा कि गांवों में जाकर सरपंचों व धर्म गुरुओं का सहयोग ले और गांवों में कैम्प लगाकर ज्यादा से ज्यादा लोगों के स्वाथ्स्य को चैक करे और किसी गांव में कोई भी केस पाया जाता है तो उसका पूरा ईलाज करें तथा उनके परिवार वालों को इस बिमारी के बारे में जागरुक करें।
    बाल स्वास्थ्य विभाग की निदेशक डा. वदेप्रकाश बंसल ने बताया कि यह बिमारी अकसर बच्चों में पाई जाती है। उन्होंने बताया कि बच्चों को खांसी व बार-बार बुखार आना ये सब डिप्थीरियां बिमारी के लक्षण हो सकते है। उन्होंंने लोगों से आह्वान किया है कि अगर बच्चों को इस प्रकार की कोई बिमारी होती है उसका अपने नजदीकि स्वास्थ्य केन्द्र या मेडिकल कालेज में जाकर ईलाज कराए। उन्होंने बताया कि यह बीमारी कॉरीनेबैक्टेरियम डिप्थीरिया बैक्टीरिया के इंफेक्शन होती है  और इसके बैक्टीरिया टांसिल व सांस नली को सबसे ज्यादा संक्रमित करते हैं। सांस लेने में दिक्कत, गर्दन में सूजन, बुखार, खांसी आदि हैं इसके लक्षण है। उन्होंने बताया कि बच्चे का टीकाकारण नियमित कराया जाये तो यह संक्रमण नहीं फैलता। उन्होंने बताया कि डिप्थीरिया एक संक्रामक बीमारी है, यह संक्रमण से फैलती है, इसकी चपेट में ज्यादातर बच्चे आते हैं तथा इंफेक्शन से फैलने वाली यह बिमारी किसी भी आयुवर्ग को हो सकती है। उन्होंने बताया कि इस बिमारी के होने के बाद सांस लेने में परेशानी होती है। यदि कोई व्यक्ति इसके संपर्क में आता है तो उसे भी डिप्थीरिया हो सकता है। यदि इसके लक्षणों को पहचानने के बाद यदि इसका उपचार न करायें तो यह पूरे शरीर में फैल जाता है, और यह एक बीमारी जानलेवा भी हो सकती है।
    सिविल सर्जन डा. राजीव बातीश ने बताया कि इस बीमारी के लक्षण संक्रमण फैलने के दो से पांच दिनों में दिखाई देते हैं तथा डिफ्थीरिया होने पर सांस लेने में कठिनाई होती है। गर्दन में सूजन हो सकती है, यह लिम्फ नोड्स भी हो सकता है। उन्होंने बताया कि बच्चे को ठंड लगती है, लेकिन यह कोल्ड से अलग होता है। संक्रमण फैलने के बाद हमेशा बुखार रहता है। खांसी आने लगती है, खांसते वक्त आवाज भी अजब हो जाती है तथा त्वचा का रंग नीला पड़ जाता है और संक्रमित बच्चे के गले में खराश की शिकायत हो जाती है तथा शरीर हमेशा बेचैन रहता है।
    इस मौके पर सहायक निदेशक डा. सिमी, महिला एवं बाल विकास अधिकारी नीरु, एसएमओ नूंह डा. गोबिंद शरण, जिला महामारी डा. विमलेश तिवारी, नॉडल अफिसर डा. अरविंद, डा. लोकबीर, खंड शिक्षा अधिकारी अनूप जाखड़, सहित अन्य स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहें।

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